This post is also available in:
दिक्कतें आती हैं और उनके हल भी कई होते हैं पर हम सबसे आसान वाला हल ही चुनते हैं। हम बाक़ी हल या विकल्प नहीं देखते, है न? प्रोफ़ेसर मोनिका चौधरी, डिरेक्टर, स्कूल ऑफ़ हेल्थ साइंसेस, अंसल यूनिवर्सिटी, गुडगाँव जो दिल्ली की VP अकादमी की स्पीकर भी हैं, बताती हैं कि आम तौर पर आप चश्में चुनते हैं पर उनके बजाय कॉन्टैक्ट लेन्सेस कैसे बेहतर साबित हो सकती हैं।
बतौर ऑप्टीशंस हम चश्मों को ही प्रेसबायोप्स का एकमात्र हल मानते हैं। पर हमारे पास एक और विकल्प है- कॉन्टैक्ट लेन्सेस। ये बहुत ज़रूरी है कि आप अपने ग्राहकों को सारे मौजूदा विकल्पों के बारे में बताए ताकि उन्हें सब पता हो और चुनते वक़्त वो सोच समझकर चुन पाएँ।
वो अपनी ज़रूरतें समझे, सारे मौजूदा विकल्प देखें और हर पहलू को जाँच परख कर ही अपना फ़ैसला लें।
चालिस की उम्र के बाद कॉन्टैक्ट लेन्सेस
इस पीढ़ी की माने तो 40 की उम्र असल में 30 की ही होती है। असल में, चालिस या उससे अधिक उम्र वाले लोग जवान और लुभावने दिखना चाहते हैं इसीलिए वो पढ़ने के लिए चश्मों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। क्योंकि उन्हें लगता है कि वे उससे बूढ़े दिखने लगेंगे। और उम्र का बढ़ना किसी भी मरीज़ को डरा सकता है। उम्र बढ़ने के अलावा, आधुनिक जीवनशैली का भी इसमें बड़ा हाथ है। पुराने ज़माने में लोगों को चश्मों की ज़रूरत सिर्फ़ अख़बार पढ़ना या ऐसे छोटे मोटे कामों के लिए पड़ती थी। पर अब चश्मों की ज़रूरत पल पल में पड़ती है। चश्मे को संभालना भी एक मुश्किल काम हो गया है। ऐसे हालात में, फ़िलहाल तो कॉन्टैक्ट लेन्सेस ही सबसे अच्छा हल है।
आपका संभावित ग्राहक कौन है?
मरीज़ जिन्हें चश्मा नहीं चाहिए, वो आपके संभावित ग्राहक हैं। निकट दृष्टि पाठकों का एक नुकसान है, उन्हें कई चश्मों की आवश्यकता होती है जो कई बार परेशानी की वजह हो सकता है। ऐसे ग्राहकों के लिए कॉन्टैक्ट लेन्सेस बहुत अच्छा पर्याय है।
चुनने का क्राइटेरिया
अपने ग्राहक को सबसे अच्छा विकल्प कैसे दिलाएँ इसके लिए थोड़ी सी मेहनत तो बनती है। आपको अपने मरीज़ के प्रोफाइल को समझना होगा जिससे आपकी उसकी ज़रुरत समझ पाए और उसे सलाह दे पाए। ऐसे में भी, मटेरियल चुनने में मरीज़ का कामकाज का पेशा बहुत मायने रखता है।
अब देखते हैं कि आप अपने ग्राहक को सही विकल्प कैसे सुझा सकते हैं।
ज़रूरतें पहचाने
मरीज़ का प्रोफाइल समझे। उनकी ज़रूरतें समझे। अपने ग्राहक को उनके कामकाज के बारे में पूछे ताकि आप उनकी ज़रुरत समझकर उन्हें सही विकल्प दे सकें। पर सिर्फ़ कामकाज ही नहीं, उनकी आदतें और देखने की ज़रूरतों को भी समझे। इससे आप उन्हें विकल्पों के बारे में समझा सकेंगे और बदले में वो आप पर भरोसा करेंगे।
सवालों का गाइड
पेश हैं कुछ ऐसे सवाल जो आप आपके ग्राहक को पूछ सकते हैं ताकि आप उन्हें सही विकल्प दे सके।
- क्या वो कुछ ही वक़्त के लिए या पूरा समय लेन्सेस पहनना चाहते हैं?
- उन्हें अक्सर क्या देखना पड़ता है?
- क्या उन्हें ड्राई आय की तकलीफ़ है?
- उनके रोज़मर्रा के काम काज क्या है, जिनके आधार पर लेन्स चुना जाएगा?
- क्या वे एक उत्सुक पर्यवेक्षक हैं या अधिक दृश्य आवश्यकताओं से संबंधित हैं?
- उनमें कितना अस्टीग्मैटीज़म है?
- वो हर दिन कितने घंटे कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इस्तेमाल करते हैं?
अब एक नज़र डालते हैं इनमें से एक विकल्प पर(नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें)
कॉन्टैक्ट लेंस यूज़र्स के लिए मोनोविज़न ऑप्शन